हिमाचल प्रदेश स्पेशल एजुकेटर भर्ती

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर भर्ती II Himachal Pradesh Special Educator Bharti

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स्पेशल एजुकेटर भर्ती :- हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर भर्ती  को लेकर शिक्षा विभाग ने एक और शर्त लागू कर दी अब स्पेशल एजुकेटर की भर्ती में वही अभ्यर्थी पात्र होंगे, जिनके पास बीएड की भी विशेष डिग्री हो। यानी आरसीआई भारतीय पुनर्वास परिषद से मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड की विशेष ट्रेनिंग करना जरूरी है। इसके अलावा मंगलवार को शिक्षा विभाग ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखकर विशेष टेट करवाने के भी आदेश दिए हैं। यानी स्पशेल एजुकेटर की भर्ती को प्रोसेस शुरू हो गया है।

स्पेशल एजुकेटर भर्ती नियम अधिसूचित

प्रदेश सरकार ने स्पेशल एजुकेटर भर्ती नियमों को अधिसूचित कर दिया है। प्राइमरी से लेकर हायर तक स्कूलों में विशेष बच्चों के लिए स्पेशल एजुकेटर की भर्ती करवाई जा रही है। अब टेट पास होने के बाद पात्र अभ्यर्थियों की लिस्ट तैयार होगी। उसके बाद हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग स्पेशल एजुकेटर के लिए कमीशन करवाएगा। अभ्यर्थियों ने स्पेशल बीएड व टेट को लेकर सवाल उठाए हैं, वहीं प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि सामान्य डिप्लोमा व डिग्री को इस भर्ती में पात्र माना जाए। शिक्षा विभाग की माने तो सरकारी स्कूल में शारीरिक रूप से अक्षम छात्रों को पढ़ाने के लिए विशेष ट्रेनिंग कर आए शिक्षकों की ही जरूरत है, ताकि शारीरिक रूप से अक्षम छात्र आसानी से अपनी पढ़ाई को पूरा कर सकें। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में स्पेशल एजुकेटर के 21 साल बाद क्लास थ्री के तहत 245 पद रेगुलर भरे जाने हैं। स्पेशल एजुकेटर भर्ती के नए नियमों के अनुसार, इस भर्ती के लिए टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना जरूरी है। सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग को हिमाचल प्रदेश बोर्ड के माध्यम से इस परीक्षा को करवाने के लिए कहा है। शिक्षा विभाग में इन भर्तियों के लिए भर्ती नियम नोटिफाई कर दिए हैं।

स्पेशल एजुकेटर भर्ती 245 पदो के लिए

हिमाचल प्रदेश स्पेशल एजुकेटर भर्ती
हिमाचल प्रदेश स्पेशल एजुकेटर भर्ती

 

इन भर्तियों के माध्यम से प्राइमरी में 138 और अपर प्राइमरी में 107 पद भरे जाएंगे। स्पशेल एजुकेटर भर्ती इस बार रेगुलर होगी। हालांकि भर्ती नियमों में कॉन्ट्रैक्ट का भी प्रावधान रखा गया है। शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अगर हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के तहत स्पेशल ऐजुकेटर की भर्ती प्रक्रिया में देरी होती है, तो टेट का रिजल्ट आने के बाद कमीशन एग्जाम करवाने का जिम्मा भी हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को भी सौंपा जा सकता है। बता दे तो हाईकोर्ट और प्रदेश सरकार ने विभाग को 3 माह के अंदर इस भर्ती को पूरा करने के आदेश दिए है।

2003 के बाद पहली बार क्लास-3 की रेगुलर भर्ती

गौर हो कि हिमाचल में वर्ष 2003 के बाद पहली बार क्लास-3 की किसी पोस्ट पर रेगुलर भर्ती होने जा रही है। राज्य चयन आयोग के माध्यम से ये भर्ती की जानी है। इसके साथ ही इन पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता भी तय कर दी गई है। इसमें 18 से 45 वर्ष के बीच आयु सीमा तय की गई है। इसमें पहली से पांचवी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने वाले 138 स्पेशल एजुकेटर के पास योग्यता 50 फीसदी में जमा दो परीक्षा और रिहेबिलिटेशन काउंसिल ऑफ इंडिया से अप्रूव संस्थाओं से डिप्लोमा इन स्पेशल एजुकेशन या डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन और क्रॉस डिसेबिलिटी एरिया में पढ़ाने का छह महीने का अनुभव जरूरी है। इसके अलावा टेट पास करना भी जरूरी है। इसके साथ ही छठी कक्षा से जमा दो कथा पढ़ाने वाले स्पेशल एजुकेटर के पास ग्रेजुएशन डिग्री में 50 फीसदी अंकों के साथ बीएड डिग्री के साथ डिप्लोमा, टेट पास डिग्री होना जरुरी है। सामान्य वाला टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट इसके लिए मान्य नहीं है।

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